




उत्तर प्रदेश सरकार ने विष्वकर्मा एक्सपो 2025 के मंच पर एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के हजारों कारीगरों को नई दिशा देने का प्रयास किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल 12 नए आधुनिक व्यवसायों को विष्वकर्मा श्रमिक सम्मान योजना में शामिल किया, बल्कि करीब 12,000 कारीगरों को उपकरण (टूलकिट) भी वितरित किए। इस कदम का उद्देश्य परंपरागत और आधुनिक दोनों तरह के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है।
आधुनिक व्यवसायों को मिला स्थान
पारंपरिक कारीगरी के साथ-साथ अब समय की मांग के अनुसार आधुनिक व्यवसाय भी योजना का हिस्सा बन गए हैं। नए जोड़े गए 12 व्यवसायों में प्रमुख हैं। मोबाइल रिपेयर, ऑटोमोबाइल रिपेयर, कंप्यूटर/इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर, सोलर पैनल रिपेयर, प्लंबिंग, डिजिटल फोटोग्राफी, ब्यूटी और वेलनेस। इन व्यवसायों को योजना में शामिल करने का मकसद युवाओं और कारीगरों को बदलते दौर की ज़रूरतों से जोड़ना है।
12,000 कारीगरों को मिली टूलकिट
एक्सपो के दौरान मुख्यमंत्री ने 12,000 से अधिक कारीगरों को आधुनिक टूलकिट वितरित की। ये टूलकिट उन व्यवसायों से संबंधित थीं, जिनमें वे कार्यरत हैं। उदाहरण के तौर पर, मोबाइल रिपेयर करने वालों को उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण, प्लंबर को आधुनिक प्लंबिंग टूल्स और फोटोग्राफरों को जरूरी कैमरा एक्सेसरीज़ दिए गए।
सरकार का मानना है कि सही उपकरण मिलने से कारीगरों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और वे बेहतर गुणवत्ता के साथ अपनी सेवाएँ दे पाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि “कारीगर हमारी परंपरा और संस्कृति की रीढ़ हैं। यदि उन्हें आधुनिक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध हों, तो वे वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।”
युवाओं के लिए बड़ा अवसर
डिजिटल और तकनीकी युग में युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती है — कौशल और संसाधनों की कमी। सरकार ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए मोबाइल रिपेयर, कंप्यूटर/इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल रिपेयर जैसे क्षेत्रों को योजना से जोड़ा है। इन क्षेत्रों में आने वाले समय में रोजगार की बड़ी संभावनाएँ हैं।
महिलाओं को भी मिला लाभ
ब्यूटी और वेलनेस को इस योजना में शामिल करना खासतौर पर महिलाओं के लिए बड़ा अवसर माना जा रहा है। इस क्षेत्र में पहले से ही बड़ी संख्या में महिलाएँ सक्रिय हैं। टूलकिट और प्रशिक्षण मिलने से वे अपने काम को और अधिक प्रोफेशनल ढंग से कर पाएंगी और आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।
आर्थिक विकास की राह
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि कारीगरों को आधुनिक कौशल और टूल्स से जोड़ना राज्य के आर्थिक विकास की राह में बड़ा योगदान देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण तथा शहरी दोनों इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता
विष्वकर्मा योजना के तहत न केवल टूलकिट वितरित की जाती है, बल्कि प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। नए शामिल व्यवसायों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि कारीगर नई तकनीकों का इस्तेमाल करना सीख सकें। इसके अलावा, सरकार उन्हें ऋण और सब्सिडी की सुविधा भी मुहैया कराती है।
कारीगरों की प्रतिक्रियाएँ
कार्यक्रम में शामिल कई कारीगरों ने सरकार के इस कदम की सराहना की। एक मोबाइल रिपेयर करने वाले कारीगर ने कहा, “अब हमें महंगे उपकरण खरीदने की चिंता नहीं करनी होगी। सरकार ने हमें जो टूलकिट दी है, उससे हमारा काम आसान होगा।”
एक महिला कारीगर ने बताया, “ब्यूटी और वेलनेस को शामिल करना हमारे लिए वरदान साबित होगा। इससे हम घर बैठे रोजगार शुरू कर सकते हैं।”
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यदि इस योजना को लगातार विस्तार दिया गया तो लाखों कारीगरों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही, राज्य में स्वरोजगार की संस्कृति मजबूत होगी। सरकार भी इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रमुख हथियार मान रही है।
विष्वकर्मा एक्सपो 2025 ने यह संदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कारीगरों और श्रमिकों के विकास के लिए गंभीर है। 12 नए व्यवसायों को शामिल करने और 12,000 कारीगरों को टूलकिट देने का यह कदम कारीगर वर्ग को नई उड़ान देने वाला साबित होगा। परंपरा और आधुनिकता का यह संगम राज्य को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेगा।