




सिडनी, ऑस्ट्रेलिया: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी में अपने हालिया भाषण में भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक क्षमताओं का पूरा ब्योरा साझा किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई की, जिससे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर अपनी क्षमता और नीतिगत दृढ़ता साबित की।
राजनाथ सिंह ने इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख किया और बताया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों को उनके ठिकानों पर निशाना बनाया। इस अभियान ने न केवल भारत की रणनीतिक क्षमताओं को उजागर किया बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश भी दिया कि भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा में किसी से पीछे नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। दोनों देशों ने अब तक कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और औद्योगिक सहयोग, नवाचार और व्यापारिक क्षेत्रों में मिलकर काम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने यह भी जोर देकर कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में सैन्य सहयोग एक अहम स्तंभ है, जो दोनों देशों को क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य दक्षता और रणनीतिक तैयारी को दुनिया के सामने रखा। हमारी सेनाओं की क्षमता आतंकवाद और सीमापार खतरे के खिलाफ हमेशा तैयार है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारे मजबूत रक्षा संबंध हमें और मजबूती प्रदान करते हैं।”
उन्होंने व्यापार और नवाचार के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। राजनाथ सिंह के अनुसार, रक्षा और उद्योग क्षेत्र में सहयोग केवल दोनों देशों की सुरक्षा को सुदृढ़ नहीं करता बल्कि अर्थव्यवस्था और तकनीकी विकास में भी नई संभावनाओं को जन्म देता है।
सिडनी में आयोजित इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी भारत की सैन्य रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ अभियान की सराहना की। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह के सहयोग से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सुरक्षा तत्परता और रणनीतिक कौशल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित किया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार है और आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी सक्रिय भागीदारी निभाएगा।
इस अवसर पर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई जनता और मीडिया से संवाद करते हुए यह भी कहा कि भारत की रक्षा नीतियां केवल सैन्य ताकत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह मानवतावादी दृष्टिकोण, सुरक्षा, और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की दिशा में भी प्रतिबद्ध हैं।
राजनाथ सिंह का यह भाषण दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सैन्य और व्यावसायिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख इस बात का प्रतीक है कि भारत न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि वैश्विक सुरक्षा सहयोग में भी अपनी भूमिका को मजबूती से निभाता है।
इस भाषण ने भारत की सुरक्षा नीति और रक्षा क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने का काम किया है। साथ ही, यह दोनों देशों के बीच भरोसे और सहयोग की नई मिसाल भी प्रस्तुत करता है।