




ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर बरसे ब्रह्मोस मिसाइल, जानिए इसकी रेंज, कीमत, क्षमता और तकनीकी ताकत।
नई दिल्ली, 27 मई 2025: भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक बन चुकी ब्रह्मोस मिसाइल एक बार फिर सुर्खियों में है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने इस अत्याधुनिक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला किया। इस मिसाइल ने न केवल अपनी रफ्तार और ताकत का परिचय दिया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत अब जवाब देने में पीछे नहीं हटता।
ब्रह्मोस की रेंज कितनी है?
ब्रह्मोस मिसाइल की वर्तमान मारक क्षमता 290 किलोमीटर है, जबकि इसके अपग्रेडेड वर्जन की रेंज 500 से लेकर 800 किलोमीटर तक मानी जा रही है। यह माच 2.8 से माच 3 की स्पीड (आवाज की गति से लगभग तीन गुना ज्यादा) से टारगेट तक पहुंचती है, जिससे इसे पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है।
कितनी है ब्रह्मोस की कीमत?
इस मिसाइल की एक यूनिट की अनुमानित कीमत लगभग ₹34 करोड़ है। जबकि इसकी संयुक्त विकास लागत लगभग 250 मिलियन डॉलर (करीब ₹2135 करोड़) आंकी गई है। भारत और रूस ने इस मिसाइल को संयुक्त रूप से विकसित किया है, जिसमें भारत का 50.5% और रूस का 49.5% योगदान है।
कौन-कौन से प्लेटफॉर्म पर होती है तैनाती?
ब्रह्मोस मिसाइल की खास बात यह है कि इसे जमीन, हवा और समुद्र – तीनों माध्यमों से लॉन्च किया जा सकता है। यह इसे एक मल्टीप्लेटफॉर्म हथियार बनाती है। भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना – तीनों ब्रांच इसका उपयोग कर रही हैं।
नाम की कहानी: ब्रह्मपुत्रा + मोस्कवा = ब्रह्मोस
ब्रह्मोस का नाम दो नदियों – भारत की ब्रह्मपुत्रा और रूस की मोस्कवा – के नाम से मिलाकर रखा गया है। यह न सिर्फ सामरिक साझेदारी का प्रतीक है, बल्कि दोनों देशों की तकनीकी विशेषज्ञता का परिणाम भी है।
ऑपरेशन सिंदूर में कैसे हुआ उपयोग?
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब दिया। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया।
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