




डॉलर डील और ग्लोबल डेटा का इंतजार कर रहे ट्रेडर्स, आरबीआई की सतर्कता के बीच रुपये में 8 पैसे की गिरावट, 85.70 के स्तर पर पहुंचा।
मुंबई: वैश्विक बाजार में तेजी के बावजूद भारतीय रुपये में गिरावट का दौर जारी है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली, जहां सेंसेक्स करीब 400 अंक तक ऊपर गया, लेकिन रुपये की कमजोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार दूसरे दिन कमजोर होकर 85.70 के स्तर तक गिर गया। यह गिरावट 8 पैसे की है जो पिछले कारोबारी दिन की तुलना में दर्ज की गई है।
डॉलर के मुकाबले गिरा रुपया, जानिए कारण
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के ट्रेजरी चीफ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, ट्रेडर्स अभी अमेरिकी ट्रेड डील और NFPR (नॉन फार्म पेरोल) डेटा का इंतजार कर रहे हैं, जिससे डॉलर की दिशा और आगे की चाल स्पष्ट होगी।
फॉरेन मनी मार्केट ट्रेडर्स का कहना है कि फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सतर्कता के चलते रुपये में उतार-चढ़ाव सीमित दायरे में बना हुआ है। डॉलर की मांग बनी रहने से रुपये को मजबूती मिलना मुश्किल हो रहा है।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट का हाल
गुरुवार को इंटरबैंक फॉरेन मनी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.69 पर खुला और कुछ ही समय में गिरकर 85.70 के स्तर तक पहुंच गया। यह गिरावट पिछले दिन के बंद भाव 85.62 के मुकाबले 8 पैसे की कमजोरी दर्शाती है।
बुधवार को भी रुपये में 3 पैसे की गिरावट आई थी, जब यह 85.62 के स्तर पर बंद हुआ था। इससे साफ है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में दबाव लगातार बना हुआ है।
डॉलर इंडेक्स और कच्चा तेल का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति दिखाता है, 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 96.84 पर पहुंच गया है।
वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 0.72 प्रतिशत गिरकर 68.61 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। कच्चे तेल में गिरावट भारत के लिए सकारात्मक संकेत माना जाता है, लेकिन डॉलर की मजबूती से रुपये पर दबाव बना हुआ है।
एफआईआई की बिकवाली ने भी बढ़ाया दबाव
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,561.62 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। एफआईआई की इस बिकवाली ने भी रुपये पर दबाव डाला है।
क्या आगे और टूटेगा रुपया?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी ट्रेड डील और ग्लोबल डेटा के आने के बाद ही रुपये की स्थिति और साफ होगी। फिलहाल, आरबीआई के हस्तक्षेप के चलते रुपये में भारी गिरावट की संभावना नहीं है, लेकिन डॉलर की मजबूत स्थिति इसे संभलने नहीं दे रही है।
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